विधायक रमन अरोड़ा अगर किसी भी पुलिस अधिकारी को फोन करे तो उन्हें हर काम पहल के आधार पर होता था। खास तौर पर सैंट्रल हलके में पड़ते थाने थाना नंबर 2, थाना नंबर 4, थाना न्यू बारादरी, थाना रामामंडी पर पूरी तरह से अपना दवदबा करके बैठे थे, लेकिन वक्त सदैव एक जैसा नहीं रहता और अपनी ही सरकार के कोध्र का शिकार होने के बाद विधायक जोकि गलत काम करने लगे थे, अब पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। जिसकी गाज थाना दो के प्रभारी पर गुर प्रीत पर गिरी है जिसे लाइन हाजिर करके उनकी जगह नए थाना प्रभारी को लगाया गया है। जिससे विजिलेसं पूछताछ कर रही है।
ACP निर्मल सिंह पर गाज गिरनी लगभग तय
रमन अरोड़ा के कार्यकाल में क़रीब अढ़ाई साल सेंट्रल हलके में लगा रहना भी किसी करप्शन से कम नहीं है। निर्मल सिंह जबसे रमन अरोड़ा विधायक बने तबसे लेकर निर्मल सिंह ही तैनात थे जो अपने आफिस में कम ओर रमन अरोड़ा के आफिस में ज़्यादा बैठते थे। जिसको रमन अरोड़ा के गनमैन लेने से पहले बदला गया था।
जानकारी के मुताबिक थाना 2 के एस.एच.ओ गुरप्रीत सिंह (एस.आई.) विधायक रमन अरोड़ा के निकट थे और काफी सोशल मीडिया में भी विधायक के साथ उनकी तस्वीरें वायरल हो रही है। सूत्रों की माने तो विधायक के कहने पर पूर्व पुलिस कमिश्नर ने उन्हें थाना 2 का एस.एच.ओ. लगाया था। करीब 28 महीने बतौर एस.एच.ओ. ड्यूटी करने वाले गुरप्रीत सिंह 3 बार विभिन्न समय पर थाना 2 के एस.एच.ओ. लगे रहे।
पुलिस सूत्रों की माने तो नई पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर सख्त स्वभाव की है और वह नहीं चाहती कि किसी भी विधायक या नेता के कहने पर एस.एच.ओ. नियुक्त हो। पुलिस की बदनामी न हो और लोक हित को देखते हुए उन्होंने तुरंत प्रभाव के चलते एस.एच.ओ. गुरप्रीत सिंह को हटाया और उनके स्थान पर एस.आई. जसविंदर सिंह गिल को थाना 2 की कमान सौंपी है।
पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने साफ शब्दों में सभी एस.एच.ओ. को आदेश जारी कर दिए है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान के आदेशों के तहत बिना किसी सिफारिश के पीड़ित लोगों को पहल के आधार पर थाना स्तर पर ही इंसाफ दिया जाए। यदि किसी भी मामले में एस.एच.ओ. की लापरवाही सामने आती है तो वह सहन नही करेगी।